Sanyukt Kisan Morcha: यूपी और उत्तराखंड की जनता से SKM की अपील भाजपा को वोट न दें

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बीते गुरूवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट न देने का ऐलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक संगठन होने दावा करते है। इसके बावज़ूद किसान मोर्चा ने भाजपा के विरोध में बिगुल फूंक दिया है। 40 किसान संगठनों से बने संयुक्त किसान मोर्चा ने यूपी और उत्तराखंड की जनता से अपील की है कि 'किसान वोरोधी बीजेपी' के खिलाफ वोट डालकर भाजपा को सजा दें। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्विटर पर भी इस बात को साझा किया।

किसानों द्वारा 'किसान आंदोलन का एक सिपाही' नाम से एक ओपन लेटर लिखा गया है। इस में कृषि कानूनों और लखीमपुर खीरी कांड के बारे में लिखा गया है, ''हमे किसानों का अपमान करने वाली भाजपा सरकार को सबक सिखाने के लिए आपकी मदद चाहिए। भाजपा सरकार सच-झूठ की भाषा नहीं समझती, न अच्चे-बुरे का भेद समझती है और न संवैधानिक और असंवैधानिक के बिच का अंतर जानती है। बस यह पार्टी एक ही भाषा समझती है--वोट, सीट, सत्ता।''

आगे इस ओपन लेटर में कहा गया है कि, ''अब बस कुछ ही दिनों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को हैं। उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी 2017 के विधानसभा चुनाव में किसानों से किए गए अपने वादे से वादा खिलाफ़ी की है। किसानों से वादा था कि सभी किसानों का पूरा लोन माफ किया जाएग। किसानों से वादा था कि गन्ने का पेमेंट 14 दिन के भीतर दे दिया जायेगा और बकाया पैसे भी दिए जायेंगे। वादा था सस्ती और पर्याप्त बिजली का, लेकिन देश की सबसे महंगी बिजली यूपी में कर दी। वादा था फसल की दाना-दाना खरीद का लेकिन धान की पैदावार का तिहाया और गेहूं की पैदावार का छटांस भी नहीं खरीदा।''

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